Ghaghra Ka Yudh | घाघरा का युद्ध कब हुआ था ?

आज हम Ghaghra Ka Yudh के बारे में पढ़ने वाले हैं । यह युद्ध पानीपत युद्ध (1526) और खनवा के युद्ध (1527) के ठीक बाद 6 मई, 1529 ई. में बाबर और अफगानों के मध्य लड़ा गया था।

Ghaghra Ka Yudh
Battle Of Ghaghra 

घाघरा का युद्ध - Ghaghra Ka Yudh

पानीपत के प्रथम युद्ध में अफ़गानों को पराजित करने के बाद भी अफगान पूरी तरह से निर्बल नहीं हुए थे। इब्राहीम लोदी का भाई महमूद लोदी ने पश्चिमी अफगानों और राजपूतों से सहायता प्राप्त करके दिल्ली सिंहासन का असली उत्तराधिकारी घोषित किया था । 1527 में खानवा के युद्धभूमि मे हार के बाद गुजरात में जा कर शरण ले लिया और उन्होने पूर्वी अफ़ग़ान संघ से सहायता प्राप्त करने में सफल रहा । बिहार के सुल्तान मोहम्मद शाह लोहानी की मृत्यु के बाद उसके नाबालिक पुत्र जलाल उद-दीन लोहानी को शासक बनाया । लोहानी सरदारों के प्रतिद्वंद्वी दावों से विचलित था , और इन गुटों ने अशांति को और बढ़ा दिया था। जिससे नाबालिक राजकुमार को बंगाल में शरण लेना पड़ा । जौनपुर के अफगानों ने अपने विनाश को रोकने के लिए महमूद लोदी को बिहार और जौनपुर के गद्दी पर बैठने के आमंत्रित किया था , जो महमूद लोदी ने स्वीकार कर लिया। उसने बिना रुकवाट के अधिकांश बिहार पर कब्ज़ा कर लिया।

घाघरा का युद्ध कब हुआ - Ghaghra Ka Yudh Kab Hua

घाघरा के युद्ध बाबर और अफ़गानों के बीच गोरखपुर (उत्तरप्रदेश ) के निकट घाघरा नदी के तट पर 6 मई, 1529 ई. लड़ा गया था, इसी कारण इसको घाघरा युद्ध नाम से जाना जाता है। बंगाल के शासक नुसरतशाह के मदद से बाबर के विरुद्ध युद्ध की तैयारी कर रहा था। बाबर ने बंगाल के शासक नुसरशाह से शांतिपूर्ण समझौता करने प्रयास किया, जिसने वह महमूद लोदी और उसके समर्थको की सहायता ना करे। नुसरतशाह ने इस समझौते को अस्वीकार कर दिया । इसी बीच जौनपुर के जुनैद बिड़ला 20,000 सैनिको के साथा बाबर से जुड़ गया । इस प्रकार बाबर के पास एक विशाल सेना तैयार करके अफगानों को इस युद्ध मे पराजित कर दिया था।

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घाघरा युद्ध के परिणाम

घाघरा का युद्ध मध्यकालीन इतिहास का यह पहला युद्ध था, जो जल एवं थल दोनों पर लड़ा गया था। इस युद्ध मे अफ़गानों को दौबारा पराजित होना पडा। नुशरतशाह ने बाबर की शांति प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया । उसने बाबर को आश्वासन दिया कि वह बाबर के शत्रुओं को अपने साम्राज्य में शरण नहीं देगा और महमूद लोदी बंगाल भाग गया। यह युद्ध भारत में मुगलों के लिए निर्णायक युद्ध था क्योंकि इससे उत्तर भारत में मुगलों का पूर्ण नियंत्रण हो गया था । बाबर ने भारत में हिमालय से लेकर ग्वालियर और सिन्धु नदी से लेकर बिहार तक अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया था। घाघरा का युद्ध बाबर का अन्तिम महत्त्वपूर्ण युद्ध था।

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1 Comments
  • Anonymous
    Anonymous February 14, 2024 at 11:03 AM

    Very good 👍

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