पानीपत का प्रथम युद्ध | Panipat Ki Pehli Ladai Kab Hui Thi
panipat ki pehli ladai kab hui thi: पानीपत का प्रथम युद्ध उत्तरी भारत मे लड़ा गया था, और इस युद्ध मे पहली बार आग्नेयास्त्रो, बारूद और तोपों का प्रयोग किया था । इस युद्ध के बाद भारत में मुगल साम्राज्य का नींव रखा गया था ।
First battle of Panipat |
पानीपत का प्रथम युद्ध - Panipat Ki Pehli Ladai Kab Hui Thi
पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अप्रैल, 1526 में पानीपत (वर्तमान हरियाणा) के निकट बाबर और दिल्ली सल्तनत के अफगान शासक इब्राहिम लोदी के मध्य लड़ा गया था। इसी युद्ध मे दिल्ली सल्तनत का अंत करके मुगल साम्राज्य का स्थापना किया गया था। बाबर ने इस युद्ध मे बारूद, आग्नेयास्त्रो तथा तोपों का प्रयोग किया । तोपों को सजाने के लिए उस्मानी (रूमी) विधि का प्रयोग किया था । उस्ताद अली कुली और उस्ताद मुस्तफा बाबर के दो तोपची थे ।
सैन्य बल
एक अनुमान के अनुसार बाबर की सैनिकों की संख्या लगभग 12000 से 15000 सैनिक और 24 तोपे थे। जबकि इब्राहिम लोदी की सेना मे एक लाख सैनिक के साथ 1000 हाथियों की सेना भी थे ।
बाबर की युद्धनीति
बाबर ने अपने छोटी सी को सेना को तुगलमा एवं अरबा नामक युद्धनीति का प्रयोग कर लोदी के सेना को चारों तरफ घेर कर तोपों से हमला कर रहे थे ।
तुगलमा युद्धनीति - इस नीति के तहत संपूर्ण सेना को अलग-अलग इकाइयों बाएँ, दाएँ और बीच विभाजित करना । बाएँ और दाहिने भाग को आगे तथा पीछे के भाग में विभाजित करके दुश्मनों को चारों तरफ घेर लिया जाता था ।
अरबा युद्धनीति - मध्य फॉरवर्ड भाग को तब बैलगाड़ी (अरबा) दिया जाता था, जिन्हें दुश्मनों के सामने लाइन में रखा गया था और पशु की चमड़ी की राशियों से एक दूसरे से बांधा गया था और बैलगाड़ी के पीछे तोपों को सुरक्षित रखा गया था ताकि अपने लक्ष्य पर आसानी से हमला कर सके ।
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युद्ध का परिणाम
काबुल के तिमुरिड शासक बाबर ने अपनी युद्ध कुशलता का प्रयोग करते हुए इब्राहिम लोदी को पराजित कर । इब्राहिम लोदी युद्ध के मैदान में मारा गया। इसके साथ इसका मित्र ग्वालियर के राजा विक्रमजीत भी मारा गया । इस विजय के खुशी मे बाबर ने काबुल के जनता के में चाँदी के सिक्के बंटवाए । उसके के इस उतरता के कारण काबुल के जानता ने उसे कलंदर का उपाधि प्रदान किया। इस जीत के बाद बाबर ने भारत में मुगल साम्राज्य का स्थापना करके मुगल साम्राज्य का प्रथम शासक बना था ।